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एकता में अटूट शक्ति | Moral Stories in Hindi
एक किसान था। उनके चार बेटे थे। वे हमेशा आपस में लड़ते रहते थे। किसान बहुत दुखी हुआ।
उसने उन्हें झगड़ा न करने की सलाह दी, लेकिन व्यर्थ। एक दिन किसान बीमार पड़ गया। वह जानता था कि उसका अंत निकट है। उसने अपने बेटों को बुलाया। उसने उन्हें लाठियों का गट्ठर दिया। उन्होंने इसे तोड़ने को कहा।
लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे। फिर बंडल एकजुट हो गया। किसान ने अपने बेटों से एक-एक करके लाठी तोड़ने को कहा। प्रत्येक बेटे ने लाठियां तोड़ दीं।
पिता ने कहा, “गठरी की तरह एक हो जाओ। यदि आप एक हैं, तो कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगा। बेटों ने सीखा सबक उन्होंने फिर कभी झगड़ा नहीं किया।
Moral of The Story: संगठन में शक्ति है।
लोमड़ी और कौआ | Hindi moral Story for Class 2
एक बार एक लोमड़ी थी। वह बहुत भूखा था। वह भोजन की तलाश में इधर-उधर गया। लेकिन उसे कहीं खाना नहीं मिला।
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कम से कम वह एक बगीचे में पहुंचा। वहां उसने पेड़ में एक कौआ देखा। कौवे के पास तोड़े में पनीर का टुकड़ा था।
लोमड़ी बहुत चालाक थी। वह कौए की तारीफ करने लगा। उसने कहा, ''प्रिय कौवे! आप बहुत खूबसूरत हैं। आपकी आवाज बहुत प्यारी है। कृपया मुझे एक गाना गाएं। कौवे को अंदर ले लिया गया। उसने गाने के लिए चोंच खोली। पनीर का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी ने उसे खा लिया और चली गई।
Moral of The Story: चापलूसों से सावधान रहें।
कबूतर और मधुमक्खी | Hindi moral Story for Class 5
एक बार एक मधुमक्खी थी। प्यास लगी। यह नदी में चला गया। यह नदी में गिर गया। यह मरने वाला था। एक कबूतर ने देखा।
उसने एक पत्ता तोड़ा। उसने पत्ते को पानी में फेंक दिया। मधुमक्खी उस पर चढ़ गई। इसकी जान बच गई। यह उड़ गया।
कुछ दिन बीत गए। एक शिकारी आया। उसने कबूतर को देखा। उसने कबूतर को निशाना बनाया। मधुमक्खी ने यह सब देखा। इसने शिकारी को डंक मार दिया। उनकी बंदूक नीचे गिर गई। कबूतर उड़ गया। उसने मधुमक्खी को धन्यवाद दिया।
Moral of The Story: अच्छा करो, अच्छा लो।
मित्र वही जो मुसीबत में काम आये | Hindi moral Story for Class 7
विशाल और राजू दो दोस्त थे। विशाल एक अच्छा दोस्त था। लेकिन राजू स्वार्थी था। एक दिन वे एक जंगल से गुजरे।
उन्होंने एक भालू देखा। वे डरते थे। राजू फौरन एक पेड़ पर चढ़ गया। उसने विशाल की परवाह नहीं की। विशाल जमीन पर लेट गया।
उसने अपनी सांस रोक ली। भालू ने आकर उसे सूँघ लिया। उसने सोचा कि विशाल मर चुका है। वह खिसक गया। राजू नीचे आया।
उसने विशाल के पास जाकर पूछा, “भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?” विशाल ने जवाब दिया, "भालू ने मुझे झूठे दोस्तों से सावधान रहने के लिए कहा।"
Moral of The Story: स्वार्थी मित्रों से सावधान रहें।
भेड़िया और मैमना | Hindi moral Story for Class 3
एक बार एक भेड़िया था। उसे प्यास लगी। वह एक नदी पर गया। वह पानी पीने लगा। उसने एक मेमने को देखा। पीने का पानी भी था। यह नीचे था।
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भेड़िए के मुँह में पानी आ गया। वह मेमना खाना चाहता था। उसने मेमने से कहा।
“तुम पानी को मैला क्यों कर रहे हो?” मेमने ने उत्तर दिया, “सर, पानी आपकी ओर से मेरी ओर बह रहा है। मैं इसे मैला कैसे बना सकता हूँ?”
अब भेड़िये ने कहा, "पिछले साल तुमने मुझे गाली क्यों दी?" मेमने ने उत्तर दिया, "मैं तो वहाँ पैदा ही नहीं हुआ था।" इस पर भेड़िया फिर बोला, "
तो यह तुम्हारी माँ होनी चाहिए। यह कहकर उसने मेमने को मार डाला। फिर उसने उसे खा लिया।
Moral of The Story: शक्ति ही सही है।
छिपा खजाना | Moral Stories for Childrens in Hindi
एक बार एक बूढ़ा किसान था। उनके चार बेटे थे। वे आलसी थे। उसने कुछ नहीं किया। वे हमेशा लड़ते रहते थे।
एक दिन किसान बीमार पड़ गया। वह जानता था कि उसकी मृत्यु निकट है। उसने अपने बेटों को बुलाया। उन्होंने कहा, 'हमारे खेत में खजाना है।
मेरी मृत्यु के बाद इसे खोदो। फिर किसान की मौत हो गई।
बेटे खेत में चले गए। उसने पूरे खेत को खोद डाला। लेकिन कोई खजाना नहीं था। एक बुद्धिमान व्यक्ति ने गेहूं बोने की सलाह दी। उसने गेहूं बोया। अच्छी फसल हुई। उन्होंने कड़ी मेहनत का मूल्य सीखा। वे मेहनत करने लगे।
Moral of The Story: कोई दर्द नहीं, कोई लाभ नहीं।
भगवान पारा और लकड़हारा | Hindi moral Story for Class 7
एक बार एक गरीब लकड़हारा था। एक दिन वह नदी के किनारे एक पेड़ काट रहा था। उसकी कुल्हाड़ी पानी में गिर गई। वह उदास था।
भगवान बुध प्रकट हुए। उसने लकड़हारे से पूछा कि वह उदास क्यों है। लकड़हारे ने कहा कि उसकी कुल्हाड़ी पानी में गिर गई है।
भगवान पारा डूब गया। उसने एक सोने की कुल्हाड़ी निकाली। लेकिन लकड़हारे ने कहा, "यह मेरा नहीं है।" देवता फिर बंटे। उसने चांदी की कुल्हाड़ी निकाली। लेकिन लकड़हारे ने फिर कहा, "यह मेरा नहीं है।"
कम से कम भगवान एक लोहे की कुल्हाड़ी ले आए। लकड़हारा खुश हुआ। उसने कहा, "यह कुल्हाड़ी मेरी है।" उसकी ईमानदारी पर भगवान प्रसन्न हुए।
उसने तीनों कुल्हाड़ियाँ उसे दे दीं।
Moral of The Story: ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है
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